फ़रिश्ता बनकर पहुंचे शमी , बचाई शख्स की जान
Farishta banakar pahunche Shami , Bachai Shakhs ki jaan
भारतीय क्रिकेट के तेज गेंदबाज़ मुहम्मद शमी ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमे देखा जा कैसे एक शख्स जख्मी हालत में है और महम्मद शमी शख्स के पास खड़े हैं और उसकी कुछ मदद कर रहे हैं शमी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा की आप भाग्यशाली हैं की भगवन ने आपको दूसरा जीवन दिया है
मुहम्मद शमी असल में नैनीताल गए हुए थे अपने परिवार के साथ छुट्टियों पर, यह हादसा उनकी आँखों के सामने हुआ , मुहम्मद शमी लिखते हैं की यह हादसा मेरे कार के सामने हुआ वह बहुत भाग्यशाली हैं की भगवन ने उन्हें दूसरा जीवन दिया है , उस शख्स की कार अनियंत्रित होकर खाई की तरफ फिसल गई थी , गनीमत थी की पेड़ों ने उन्हें बचा लिया और समय रहते हम सब उनकी मदद के लिए पहुंच गए।
मुहम्मद शमी अपनी धारदार बोलिंग की रफ़्तार से बिरोधी टीम के बल्लेबाजों के लिए नसर बने रहे हैं , क्रिकेट वर्ल्ड को में उनकी बोलिंग सबसे आला दर्जे की रही , उनके प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम विरोधी खेमे में खलबली मचती रही है , शुरूआती खेलो में उन्हें मौके नहीं मिले पर जब वो खेले तो ऐसा खेले की क्रिकेट के गलयारो में उन्ही का नाम रहा है।
इस वर्ल्ड कप की बात करें तो शमी सर्वाधिक विकेट लेने वाले लिस्ट में टॉप पर थे
शमी ने वर्ल्ड कप में 10. 7 की औसत से 24 विकेट लिए हैं जिसमे 3 बार 5 विकेट भी शामिल हैं , मुंबई में नूज़ीलैण्ड के खिलाफ उनका प्रदर्शन सबसे उच्च स्तर का था , उन्होंने 57 रन देकर 7 विकेट नेवजीकाण्ड को घुटने टेकने पर मज़बूर कर दिया
कुछ दिनों पहले शमी का एक इंटरव्यू भी बहुत वायरल रहा
शमी अपने आप को जमीन इंसान कहते हैं, शमी ने खुलासा किया कि वह अपनी युवावस्था के दौरान ट्रक, बस और ट्रैक्टर चलाते थे – जिनका उपयोग मुख्य रूप से कृषि उद्देश्यों के लिए किया जाता है।“ज़मीन से ही आया हूँ. खेतो की जो बूघी होती है, मैंने ट्रैक्टर, बस, ट्रक चलाए हैं…मेरे एक स्कूल मित्र के घर में एक ट्रक था। उसने मुझसे गाड़ी चलाने को कहा. मैं तब छोटा था और मैदान पर गाड़ी चला रहा था। मैंने अपना ट्रैक्टर भी तालाब में चला दिया। मेरे पिता ने मुझे डांटा था,” एनडीटीवी ने प्यूमा के यूट्यूब चैनल पर साझा किए गए एक साक्षात्कार के दौरान उनके हवाले से कहा।
विश्व कप में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में उभरे तेज गेंदबाज ने खुलासा किया कि अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश में “मुख्य चयनकर्ता” के दृष्टिकोण के कारण कथित तौर पर अपने शुरुआती क्रिकेट के दिनों में उन्हें पश्चिम बंगाल में स्थानांतरित होने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
“मेरे भाई से कहा गया, ‘अगर मेरी कुर्सी हिला सकते हो तो लड़का सिलेक्ट हो जाएगा, बहुत अच्छा है, वरना सॉरी।’ मेरे भाई ने एक जवाब दिया, ‘हटाना भूल जाओ’ कुर्सी, मैं इसे उल्टा कर सकता हूं, मेरे पास इतनी ताकत है लेकिन मुझे वह नहीं चाहिए।’ फॉर्म और कहा कि आज के बाद हम खुद को यूपी क्रिकेट में शामिल नहीं करेंगे। यूपी क्रिकेट में वह मेरा आखिरी दिन था,
यह भी एक संयोग ही था की जिस खिलाडी को बेंच पर बैठाया गया हो वो आये और पूरे क्रिकेट के गलयारो में हलचल मचा दे , 33 वर्षीय शमी विश्व कप के दौरान भारतीय खेमे में सबसे वरिष्ठ तेज गेंदबाज थे। शुरुआती चार मैचों में, वह प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे क्योंकि टीम ने ऑल-राउंडर तेज गेंदबाज हार्दिक पांड्या के साथ-साथ तेज गेंदबाज जसप्रित बुमरा और मोहम्मद सिराज के संयोजन का समर्थन किया था। हालांकि, पंड्या के चोटिल होने के बाद शमी को टीम में लाया गया। न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में, उन्होंने 57 रन देकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।