यहूदी पैसेंजरों की तलाश में दागिस्तान के एयरपोर्ट में घुसी फ़लस्तीन समर्थकों की भीड़
फ़लस्तीनी समर्थकों के दागिस्तान एयरपोर्ट पर हमला बोलने के बाद इसराइल ने रूस से ‘अपने सभी नागरिकों और सभी यहूदियों’ की रक्षा करने का निवेदन किया है.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो फ़ुटेज में एक ग़ुस्साई भीड़ मखाचकाला एयरपोर्ट पर धावा बोल रही है. कथित तौर पर ये लोग तेल अवीव से आए लोगों की तलाश कर रहे थे.
इस दौरान कई लोग यहूदी विरोधी नारे भी लगा रहे थे. कुछ लोग रनवे पर भी पहुंच गए
रूस की विमान एजेंसी रोसावियात्सिया ने कहा है कि सुरक्षाबलों ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है.
क्या है दागिस्तान
रिपब्लिक ऑफ दागिस्तान रूसी फ़ेडरेशन के भीतर है. यहां की बहुसंख्यक आबदी सुन्नी मुसलमानों की है. यहाँ कई भाषाएं और राष्ट्रीयताएं हैं.
कई ऐसे राष्ट्रवादी समूह हैं, जिनके नियंत्रण में एक या दो गाँव हैं. दागिस्तान की राजधानी माख़ाचकला है जो रूसी कैस्पियन सागर तट पर स्थित है. यहाँ से एक गैस और तेल पाइलपलाइन गुज़रती है जो कैस्पियन सागर से मुख्य रूसी भूभाग तक जाती है.
साल 2017 तक रूसी सुरक्षाबल दागिस्तान में पड़ोसी चेचन्या और इंगुशेटिया के इस्लामी चरपंथी समूहों से लड़ रहे थे. दागिस्तान तक़रीबन एक दशक तक सशस्त्र विद्रोह का सामना करता रहा है.
वर्तमान रूस में इस्लाम दागिस्तान के ऐतिहासिक दक्षिणी शहर डर्बिएंट के रास्ते आया था. कम से कम 1,000 साल पहले अरब इसे यहां लेकर आए थे. साम्यवाद के दौर के बाद इस्लाम दागिस्तान में ख़ूब फैला. इस जगह पर तक़रीबन 3,000 मस्जिदें, इस्लामी संस्थान और स्कूल हैं.
दागिस्तान प्रसिद्ध इस्लामी योद्धा इमाम शमील का जन्म स्थान रहा है, उन्होंने 19वीं सदी में रूसी शासन का 25 साल तक विरोध किया था. कई सड़कें और जगहें उनके नाम पर है.
दागिस्तान सरकार ने टेलीग्राम पर लिखा है, “हम लोगों से अपील करते हैं कि वो दुनिया की वर्तमान स्थिति को समझदारी से लें. फ़ेडरल अथॉरिटी और अंतरराष्ट्रीय संगठन ग़ज़ा के आम नागरिकों के लिए युद्ध विराम लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. हम लोगों से अपील करते हैं कि वो विनाशकारी समूहों के भड़कावे में न आएं और समाज में हलचल न मचाएं.”
दागिस्तान के शीर्ष मुफ़्ती शेख़ अख़मत अफ़ंदी ने आम लोगों से एयरपोर्ट पर अव्यवस्था रोकने को कहा है.
उन्होंने टेलीग्राम पर जारी एक वीडियो में कहा है, “आप ग़लती कर रहे हैं. इस मुद्दे को इस तरह से हल नहीं किया जा सकता. हम आपके ग़ुस्से को बहुत पीड़ादायक ढंग से समझते और अनुभव करते हैं. हम इस मुद्दे को अलग तरीक़े से हल करेंगे. रैलियों से नहीं, बल्कि उचित ढंग से. आप बहुत धैर्य और शांति बनाए रखिए.”
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